फिल्म समीक्षा: 'वजीर':
अद्भुत
खेल,
तेज
रफ्तार
और
सटीक
चाल
फिल्म
|
वजीर
|
डायरेक्टर
|
बिजॉय
नाम्बियार
|
स्टार
कास्ट
|
फरहान
अख्तर,
अमिताभ
बच्चन
,अदिति
राव
हैदरी,
मानव
कौल,
नील
नितिन
मुकेश
,अंजुम
शर्मा
और
जॉन
अब्राहम
|
अवधि
|
1 घंटा 43 मिनट
|
सर्टिफिकेट
|
U/A
|
रेटिंग
|
3.5 स्टार
|
डायरेक्टर बिजॉय
नाम्बियार ने निर्माता
विधु विनोद चोपड़ा
के आईडिया पर
आधारित थ्रिलर फिल्म 'वजीर'
को डायरेक्ट किया
है. बेहतरीन स्टार
कास्ट के साथ
क्या यह फिल्म
आपके विश्वास को
जीत पाएगी? आइये
फिल्म की समीक्षा
करते हैं.
कहानी
यह कहानी है एटीएस
ऑफिसर दानिश अली
(फरहान अख्तर) की जो
अपनी पत्नी रुहाना
अली (अदिति राव
हैदरी) और बेटी
के साथ जिंदगी
बिताता रहता है.
दानिश की लाइफ
में पंडित ओंकारनाथ
धर (अमिताभ बच्चन)
की एंट्री होती
है जो शारीरिक
रूप से 'दिव्यांग'
हैं और दोनों
की जिंदगी में
कुछ ऐसी घटनाएं
घट जाती हैं
जिसकी वजह से
वो एक दूसरे
की मदद करने
पर विवश हो
जाते हैं. इसी
दौरान उनका मुकाबला
दबंग मंत्री एजाद
कुरैशी (मानव कौल)
से भी होता
है. सिलसिलेवार घटनाओं
के बीच कई
अहम बातों का
खुलासा भी होता
है और शतरंज
के खेल का
'वजीर' एक निर्णायक
मोहरा बनकर सामने
आता है. अब
वजीर की क्या
है कहानी, इसका
पता आपको इस
थ्रिलर फिल्म को देखकर
ही चलेगा.
स्क्रिप्ट
फिल्म की स्क्रिप्ट
को बड़े ही
बेहतरीन अंदाज में शतरंज
के खेल पर
आधारित किया गया
है, किस तरह
से एक प्यादा
,आखिरी घर में
जाकर वजीर बन
जाता है, कैसे
हाथी अपने सामने
वाले सैनिक के
धराशायी होते ही
पागल हो जाता
है, और घोड़े
के साथ साथ
ऊँट की चालें
कितनी अहम होती
हैं; ये सारी
बातें इंसानो के
रवैये के आधार
पर दर्शायी गयी
हैं.
अभिनय
एक्टर फरहान अख्तर ने
एक बार फिर
से बता दिया
है की वो
किरदार के भीतर
किस तरह से
घसने का प्रयास
करते हैं और
सफल भी हो
जाते हैं, वहीँ
अदिति राव हैदरी
का काम भी
एक पत्नी के
किरदार में सराहनीय
है.फिल्म में
कश्मीरी पंडित का किरदार
निभा रहे अमिताभ
बच्चन ने बहुत
ही उम्दा काम
किया है और
जिस तरह से
उन्होंने किरदार का हाव
भाव और लहजा
पकड़ा है वो
अद्भुत है. वहीँ
इस फिल्म का
एक सरप्राईज पैकेज
भी अभिनेता 'मानव
कौल' के रूप
में सामने आता
है , जिन्होंने एक
दबंग मंत्री के
रूप में काफी
सराहनीय काम किया
है. नील नितिन
मुकेश के साथ
साथ फिल्म में
फरहान अख्तर के
दोस्त का किरदार
निभा रहे अंजुम
शर्मा ने भी
सहज अभिनय किया
है. जॉन अब्राहम
का भी छोटा
लेकिन अच्छा कैमियो
रोल है.
संगीत
फिल्म
का गीत 'तेरे
बिन', 'मौला' 'तू मेरे
पास' 'खेल खेल
में' और 'अतरंगी
यारी' रिलीज से
पहले ही हिट
हो चुका है.
कमजोर कड़ी
फिल्म के दौरान
एक दो पल
ऐसे भी आते
हैं जो आपको
उस सीन के
पीछे के लॉजिक
को समझा पाने
में विफल रहते
हैं,क्योंकि थ्रिलर
फिल्मों में अक्सर
आप लॉजिक पर
भी ध्यान देते
हैं
क्यों देखें
अगर आप कट
टू कट फिल्में
देखना पसंद करते
हैं, फरहान अख्तर,
या अमिताभ बच्चन
के कायल हैं,
अच्छी कहानियों से
लबरेज फिल्मों के
प्रेमी हैं, तो
'वजीर' जरूर देखें.
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